Sunday, February 14, 2021

सरकार

ख़बर को ख़बर और अख़बार को अख़बार रहने दो 
जनता का है संसद, इसे जनता का ही दरबार रहने दो 
तुम्हें नहीं चुना हमने सिर्फ़ चंद बड़े घरानों के लिए साहिब,
इन्हें भी खा लेने दो भर पेट, ग़रीबों का भी घरबार रहने दो 

Credit- Jaswinder Singh Baidwan