Poetry by Jaswinder Baidwan
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Thursday, June 20, 2019
उसे भुलाया बहुत है
इस रंगीन दुनिया में ख़ुद को मैंने बहलाया बहुत है
कई बार बैठ अकेले में, दिल को समझाया बहुत है ।
जिस की हर बात याद है ज़ुबानी मुझे आज भी
क़सम से ता-उम्र उसे मैंने भुलाया बहुत है ।।
Credit- JASWINDER SINGH BAIDWAN
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