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Wednesday, November 16, 2022

ये काग़ज़ का कोरापन

ज़रूरी नहीं कि रोज़ नज़म लिखूँ मैं नई, 
क़भी क़भी ये काग़ज़ का कोरापन भी लाख जज़्बात ब्याँ करता है ॥

Credit- Jaswinder Singh Baidwan

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