Poetry by Jaswinder Baidwan
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Thursday, June 6, 2024
मेरे दिल में ही खुद को छोड़ गया है तू
लूट
के
ग़ैरों
को
अपनी
चालाकियों
पर
इतराने
वाले
नादाँ
मेरे
दिल
में
ही
खुद
को
छोड़
गया
है
तू
॥
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