चिल्लाता था मैं अक्सर
कि किसी तरह तो तुझे मेरे दर्द का एहसास हो
अब हो गया हूँ ख़ामोश
इल्म हुआ जब से
कि ये तेरे बस की बात नहीं
No comments:
Post a Comment