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Thursday, June 13, 2024

इश्क़ है इंक़लाब नहीं

लहजे में थोड़ा ठहराव 

इंतज़ार रगो में 

और सर झुकाकर कीजिए इबादत 

बर्खुरदार इश्क़ है, इंक़लाब नहीं

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