Wednesday, September 24, 2025

तमाशे इश्क़ के

कोई ख़ामोश, कोई बर्बाद कोई बेबस, कोई बेताब हाय ! ए इश्क़ तेरे भी तमाशे बहुत हैं

Tuesday, September 23, 2025

मेरा नियम

बस एक ही नियम है मेरा मुझे ख़ुद ही बता दो इस से पहले कि मैं पता लगा लूँ

Monday, September 22, 2025

गुमराह

जानना हो मुझे तो कभी फुर्सत निकाल के आना पास मेरे ये इधर उधर की ख़बरें कर देंगी गुमराह तुझे

आ जाऊँ जो अपनी आई पर

ख़ास हो तुम मेरे लिए तो मुझे आम ना समझो आ जाऊँ जो अपनी आई पर तो मैं ख़ुद पर भी तरस नहीं खाता

Sunday, September 14, 2025

आईने

फेंक दिए है मैंने सारे ये आईने नहीं किसी काम के बस इक उसकी आँखों में ही अच्छा दिखता था चेहरा मेरा

Friday, September 12, 2025

कलयुग

उसे मानना ईच्छा नहीं एक सुखी इंसान की बस मजबूरी एक डरे हुए लाचार की है कलयुग है पार्थ यहाँ तलाश भगवान की नहीं चमत्कार की है

Thursday, September 11, 2025

आदत है मेरी

ज्ञान ना दे मुझे बिना तैयारी हर इम्तिहान में बैठने की आदत है मेरी