Monday, September 22, 2025

आ जाऊँ जो अपनी आई पर

ख़ास हो तुम मेरे लिए तो मुझे आम ना समझो आ जाऊँ जो अपनी आई पर तो मैं ख़ुद पर भी तरस नहीं खाता

No comments:

Post a Comment