Monday, July 29, 2024

रसूख़

कहते हैं वो बिगाड़ के रख देंगे रसूख़ तेरा 

नीव है खोखली जिनके किरदारों की 

तू पढ़कर खुद ही तय कर ले ऐ सनम

वफ़ा 

बेवफ़ाई 

ज़िम्मेवारी या तौहमतें

तू पढ़कर खुद ही तय कर ले सनम  

मैं नहीं जानता क्या अर्थ हैं मेरी लिखी कविताओं के

Saturday, July 27, 2024

कच्ची उम्र के कुछ तजुर्बे

कुछ बातों से रहें अनजान तो ही है बेहतर 

कच्ची उम्र के कुछ तजुर्बे 

ज़िंदगी भर तकलीफ़ देते हैं 

Friday, July 26, 2024

क़िस्मत

बड़ी अजब सी रही ज़िंदगी 

मैं सजाता हूँ ख़्वाब उम्र भर के 

और लोगों को छोड़ कर  जाने में पल भर की भी देरी नहीं लगती 

दुनिया कहती है  अपनी अपनी क़िस्मत होती है सबकी 

मुझे तो मेरी ये क़िस्मत भी 

सच में अब मेरी नहीं लगती 

Tuesday, July 23, 2024

किरदार

ठोकरें भी मिलेंगी 

धोखे भी मिलेंगे 

लुट जाएगा सब कुछ 

और कुछ मौक़े भी मिलेंगे 

टूट कर बिखर जाओ चाहे

मगर इरादों में आग मचाए रखना 

तमाशे तो चलते ही रहेंगे उम्र भर दोस्त 

बस तुम अपना किरदार बचाए रखना 

Thursday, July 18, 2024

तेरा नाम पढ़कर

मुशायरा था हुस्न पर 

और सारी महफ़िल लूट ले गए हम

बसतेरा नामपढ़कर 

Friday, July 12, 2024

खुद ही मुजरिम

खुद ही मुजरिम खुद ही सजा मुक़र्रर करता हूँ 

अजब सी कश्मकश है दोस्त 

खुद ही करता हूँ पैरवी अपनी 

और खुद के ही ख़िलाफ़ लड़ता हूँ 

Thursday, July 11, 2024

कौनसे जहाँ का खुदा है तू …

टेक लिए माथे सब जगह 

पहन के देख लिए ताबीज़ सारे 

फिर भी नज़रंदाजी तेरी घटती ही नहीं 

मेरी समझ से बाहर है 

सनम कौनसे जहाँ का खुदा है तू

Thursday, July 4, 2024

उस्ताद तेरा

दात देते हैं तेरी नज़रंदाजी के हुनर को 

उस्ताद तेरा ज़रूर कोई दिलजला होगा 

तजुर्बा

कुछ ना मिला इश्क़ से हमें

बस इक तजुर्बे के सिवा 

ज़िम्मेदारी

मैं खुद ही ले लेता हूँ ज़िम्मेवारी सारी

हमारे रिश्ते के हषर की

तू खुद को बेवज़ह बेक़सूर साबित ना कर 


ज़िंदगी मौत

ज़िंदगी सफ़र है ठोकरों का 

दोस्त ! गले तो आख़िर मौत ही लगाएगी 

अधूरा तेरे जाने के बाद

तुझे मिलने से पहले भी अकेला ही था मैं

ना जाने अब क्यूँ हो गया हूँ अधूरा तेरे जाने के बाद

Wednesday, July 3, 2024

सिखा रहा है हमें

कैसे भरनी है उड़ान सिखा रहा है हमें 

जो खुद क़ैद है पिंजरे में