वफ़ा
बेवफ़ाई
ज़िम्मेवारी या तौहमतें
तू पढ़कर खुद ही तय कर ले ऐ सनम
मैं नहीं जानता क्या अर्थ हैं मेरी लिखी कविताओं के
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