Monday, August 12, 2024

खुद से मुलाक़ात

आईने से कर बात कभी 

ख़ुद से कर मुलाक़ात कभी

क़िस्मत को कोसते जी रहा है

और मर जाएगा यूँ ही इक दिन रो रोकर 

क्यों रह गया है पीछे 

क्या कमियाँ है तुझमें 

हो खड़ा और 

मर्दों की तरह ख़ुद से कर स्वालात कभी 

आईने से कर बात कभी 

ख़ुद से कर मुलाक़ात कभी

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