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Saturday, June 29, 2024

बोलता कम ही हूँ मैं

बोलता कम ही हूँ में 

लेकिन याद रखना 

बोलूँगा जिस भी महफ़िल में 

पूरा माहौल उठा के रख दूँगा 

इश्क़ की तहज़ीब

आशिक़ भी हो 

और उलझे हुए हो गिले शिकवों में 

इश्क़ की तहज़ीब से आप वाक़िफ़ नहीं जनाब

Friday, June 28, 2024

Chinese product है मोहब्बत

हो सकता है ना चले दो दिन भी 

और चलने को चल जाए उम्र भर 

कोई नहीं Guarantee

अरे भाई Chinese product है मोहब्बत

Wednesday, June 26, 2024

तेरा ख़याल भी

तेरा ख़याल भी अख़बार सा है

रोज़ सुबह ही चला आता है 

अब वो पैनापन ना रहा

लगता है उन्हें भी उनकी औक़ात दिखा गया है कोई 

बेरुख़ी में उनकी अब वो पैनापन ना रहा

Tuesday, June 25, 2024

तेरे बस की बात नहीं

चिल्लाता था मैं अक्सर 

कि किसी तरह तो तुझे मेरे दर्द का एहसास हो 

अब हो गया हूँ ख़ामोश

इल्म हुआ जब से 

कि ये तेरे बस की बात नहीं 

ਕਰਜ਼ਾਈ

ਮੇਰੇ ਹਰ ਇਹਸਾਸ ਨੂੰ ਕਾਗਜ਼ ਉੱਤੇ ਸੰਜੋਇਆ ਜਿਹਨੇ 
ਤੇਰੀ ਦਿੱਤੀ ਇਸ ਪੀੜ ਦਾ ਜਨਮਾਂ ਲਈ ਕਰਜ਼ਾਈ ਹਾਂ ਮੈਂ 

हर पन्ना कोरा ही रहता

आज लिखता हूँ मैं जो भी

है एहसान तेरा 

ना छोड़ता जो तू साथ मेरा 

हर पन्ना कोरा ही रहता 



ਖਾਤਾ ਇਸ਼ਕ ਦਾ

100 ਚੋ 99 ਰੁਲਦੇ ਮਿੱਟੀ  

ਕੋਈ ਇੱਕ ਅੱਧਾ ਲਿਸ਼ਕਦਾ 

ਕਿੰਨ੍ਹੇ ਲੁਟੇ ਕਿੰਨ੍ਹੇ ਉੱਜੜੇ ਹਿਸਾਬ ਨੀ ਲੱਗਣਾ 

ਕਮਲਿਆ ਖਾਤਾ ਬੜਾ ਪੁਰਾਣਾ  ਇਸ਼ਕ ਦਾ

और किसी की ये औक़ात ना थी

हर कमी मेरी से था तू वाक़िफ़ 

तुझसे पर्दे की कोई बात ना थी 

बस एक तू ही तोड़ सकता था मुझे 

सनमऔर किसी की ये औक़ात ना थी

ਇਹ ਹੋਰ ਕਿਸੇ ਦੇ ਵੱਸ ਦੀ ਗੱਲ ਨਹੀਂ ਸੀ

ਰੂਹ ਤੋਂ ਸੀ ਅਸੀਂ ਮੁਰੀਦ ਤੇਰੇ 
ਵੇ ਸੱਜਣਾ ਉਹ ਕੋਈ ਜਵਾਕਾਂ ਵਾਲੀ ਝੱਲ ਨਹੀਂ ਸੀ  ਇੱਕ ਤੂੰ ਹੀ ਤੋੜ ਸਕਦਾ ਸੀ ਬਸ ਮੈਨੂੰ 
ਇਹ ਹੋਰ ਕਿਸੇ ਦੇ ਵੱਸ ਦੀ ਗੱਲ ਨਹੀਂ ਸੀ 

Saturday, June 22, 2024

वफ़ा की ज़िंदा मिसाल

उम्र भर रहा मैं भागता तुझसे 

फिर भी आख़िर गले लगाएगी 

मौत वफ़ा की ज़िंदा मिसाल है तू 

Friday, June 21, 2024

इश्क़ करने चले हो बर्खुरदार ?

इश्क़ करने चले हो बर्खुरदार ?

महँगा और बड़ी हैसियत वालों का बाज़ार है 

सभी जेबें ज़रा अच्छे से भरकर जाना 


Call

Call क्यूँ नहीं की 

से 

Call क्यूँ की 

तक का सफ़र बेमिसाल रहा

उसने तो बस एक दिल तोड़ा था

दिल, ख़्वाब, ख़ुशियाँ, ग़रूर ….


हम खुद हैं ज़िम्मेवार सब कुछ टूटने के 

उसने तो बस एक रिश्ता ही तोड़ा था 


लफ़्ज़ों की चोट

लगता है लफ़्ज़ों की चोट से आप नहीं हैं वाक़िफ़ जनाब 

ये ज़रूरी नहीं कि हर आग चिराग़ से ही लगी हो

किसी और ने

इस कदर वो जो रूठ गए हैं हमसे 

लगता है किसी और ने मना लिया उसे 

Wednesday, June 19, 2024

ख़ामोश इक अरसे से

बेइम्तिहाँ शोर है मेरे अंदर यारों

मैं यूँ हीं नहीं ख़ामोश इक अरसे से

अदाएं बेरुख़ी की

सीख ली हैं अदाएं हमने भी बेरुख़ी की सारी

कोई लाख भरे आहें, अब ये दिल नहीं झुकता 

नशेडी

अगर इश्क़ एक नशा है 

तो खुदा क़सम मुझसे बड़ा कोई नशेड़ी नहीं 

खुद डुबा बैठे

तूफ़ाँ जा अब कर आराम 

हम अपनी कश्ती खुद डुबा बैठे 

बिकाऊ नहीं

उसकी बस एक झलक ने ख़रीद लिया मुझे 

और हमें ग़रूर था बड़ा की हम बिकाऊ नहीं 

मुक्कमल इश्क़

रुसवा होकर निकल गए हम महफ़िल से 

जैसे ही छेड़ दिया किसी ने ज़िक्र मुक्कमल इश्क़ का 

शर्मिन्दा

महफ़िल में आज फिर छिड़ा था ज़िक्र तेरा 

आज फिर हम ख़ामोश और शर्मिन्दा होकर लौटे हैं

Monday, June 17, 2024

आदत

तेरे लिए जो करते थे इबादत नहीं छोड़ी

तुझे औरों में ढूँढने की आदत नहीं छोड़ी 

Sunday, June 16, 2024

अहमियत अहसासों की

कुछ लफ़्ज़ ना ही आए ज़ुबा पर तो बेहतर होगा 
बेक़दर क्या जाने अहमियत अहसासों की 

Social vs गणित

लाइफ़ ना रही “Social” बिल्कुल भी 

जब से इश्क़ केगणितमें पड़ गए

क़र्ज़

मोहब्बत है एक क़र्ज़ अनमोल 

लेकर इसे चुकाता है कोई कोई। 

दूर पास

उसे दूर तलक ढूँढते ढूँढते 

कितने लोग गुज़र गए पास से

मशवरा

एक मशवरा है 

लेकिन बर्खुरदार 

आएगा समझ तुम्हें लुट जाने के बाद ही …

छोड़ दे ये इश्क़, क़सम से बड़े घाटे का सौदा है

Saturday, June 15, 2024

तब कौनसा खुदा था मैं

अब छोड़ने की आई बात तो लाख कमियाँ ढूँढ ली तूने 

जब मिले थे तुझे तब कौनसा खुदा था मैं

ਓਦੋ ਕਿਹੜਾ ਰੱਬ ਸੀ ਮੈਂ

ਹੁਣ ਵਾਰੀ ਆਈ ਛੱਡਣ ਦੀ ਤਾਂ ਲੱਖ ਕਮੀਆਂ ਲੱਬ ਲਈਆਂ ਤੂੰ 
ਜਦੋਂ ਮਿਲਿਆ ਸੀ ਤੈਨੂੰ ਓਦੋ ਕਿਹੜਾ ਰੱਬ ਸੀ ਮੈਂ 

ਸੱਜਣਾ ਵੇ ਜਿੰਨਾ ਤੂੰ ਸੋਹਣਾ

ਕੀ ਏ ਤੂੰ ਸਾਡੇ ਲਈ ਨਿੱਤ ਸੋਚਦਾਂ ਤੈਨੂੰ ਬਹਿ ਹਾਲ ਸੁਣਾਵਾਂ ਦਿਲ ਦੇ 
ਪਰ ਸੱਜਣਾ ਵੇ ਜਿੰਨਾ ਤੂੰ ਸੋਹਣਾ ਓੰਨੇ ਸੋਹਣੇ ਲਫ਼ਜ਼ ਨੀ ਮਿਲਦੇ 

Friday, June 14, 2024

मर्द रोते नहीं

ना कहना किसी से कि तेरे लिए आज रो दिए हम

वहम है दुनिया में कि मर्द रोते नहीं

ਦੋ ਰੰਗਾਂ ਦੀ ਏ ਦੁਨੀਆਂ

ਬਸ ਦੋ ਰੰਗਾਂ ਦੀ ਏ ਦੁਨੀਆਂ 
ਇੱਕ ਤੂੰ ਤੇ ਇੱਕ ਮੈਂ ਸੱਜਣਾ 

ਨਾ ਮਿਲਣਾ ਇਹ ਜਨਮ ਦੋਬਾਰਾ ਨਾ ਮਿਲਣਾ ਏ ਤੂੰ

ਨਿੱਤ ਲੱਬਦਾ ਹਾਂ ਲੱਖ ਬਹਾਨੇ ਸੱਜਣਾ ਮੈਂ ਤੈਨੂੰ ਵੇਖਣ ਨੂੰ 

ਕਿਉਂਕਿ ਨਾ ਮਿਲਣਾ ਇਹ ਜਨਮ ਦੋਬਾਰਾ ਨਾ ਮਿਲਣਾ ਤੂੰ 

हुस्न पर ग़ज़ल

हुस्न पर ग़ज़ल की जब भी की किसी ने इल्तिजा हमसे 

हमने सर झुका के बसतेरा नामपढ़ दिया

Thursday, June 13, 2024

dhokhebaaz

ਹਰ ਸੱਚ ਵੀ ਚੰਗਾ ਹੁੰਦਾ ਨਹੀਂ 
ਤੇ ਬੇਪਰਦਾ ਕਰੀਦੇ ਸਾਰੇ ਰਾਜ ਨਹੀਂ 
ਧੋਖੇਬਾਜ਼ ਤੂੰ ਵੀ ਸੀ ਧੋਖੇਬਾਜ਼ ਮੈਂ ਵੀ ਆ 
ਬੱਸ ਟਕੀ ਲਪੇਟੀ ਸਾਰੀ ਦੁਨੀਆਂ 
ਦੱਸ ਮੈਨੂੰ ਏਥੇ ਕਿਹੜਾ ਧੋਖੇਬਾਜ਼ ਨਹੀਂ 

इश्क़ है इंक़लाब नहीं

लहजे में थोड़ा ठहराव 

इंतज़ार रगो में 

और सर झुकाकर कीजिए इबादत 

बर्खुरदार इश्क़ है, इंक़लाब नहीं

बस कहने की बात है

मोहब्बत हो सच्ची तो लौट आती है ज़रूर 

ख़ैर छोड़ो …. सब बस कहने की बात है

Wednesday, June 12, 2024

ख़ामोशी vs शिकायत

जो असर ख़ामोशी में है 

वो शिकायत में कहाँ

खवाबों की हिफ़ाज़त

कुछ खवाबों की हिफ़ाज़त में 

नींद गँवा बैठे

बस यही मलाल रहा उम्र भर तेरे जाने के बाद

बस यही मलाल रहा उम्र भर तेरे जाने के बाद 

 कि एक बार और उन्हें रोक कर तो देखते

Tuesday, June 11, 2024

ज़रूरतें

नादाँ, ये ज़रूरतें तय करेंगी औरों की 

कि कौन तेरा साथ देगा कब तक

फ़ैसले क़िस्मत के

माँग लूँ उसे मैं जाके वहाँ भी “JB”

कोई तो बताए फ़ैसले क़िस्मत के होते हैं कहाँ !

वहमों में जीना छोड़ चुका हूँ मैं

वफ़ा, इश्क़, वादों की ना कर बात मुझसे 

वहमों में जीना छोड़ चुका हूँ मैं

कोई नई मिसाल

ना सुना वही पुराने क़िस्से धोखे और बेवफ़ाई के 

कोई वफ़ा की आई है नई मिसाल तो बता 

हुस्न की डाल

हुस्न की डाल पर नहीं बैठता अब मैं

इश्क़ में चोट खाया परिंदा हूँ

रिश्ता और हम

बिछड़ कर भी उसकी ख़बर रखता हूँ मैं

रिश्ता ख़त्म हुआ है अभीहमनहीं

Monday, June 10, 2024

सख़्त अध्यापक

एक सुलझा दूँ

तो सामने हर रख देती है हर बार सवाल नया

ज़िंदगी तुझसे सख़्त अध्यापक नहीं देखा

शान महफ़िलों की

शान महफ़िलों की अब ख़ामोश रहने लगा 

औरों का दिल लगाने वाले ने, लगता है दिल लगा लिया अपना कहीं

ठहराव

ना जाने कितनी ठोकरों के होते हैं एहसान 

एक सख्श के ठहराव के पीछे

Sunday, June 9, 2024

ज़िंदगी या बीवी

पल भर का देकर सुकून, रूठी रहती है ज़्यादा 

ज़िंदगी तू भी बीवी से कम नहीं

ख़फ़ा किताबों से

ख़फ़ा हूँ मैं किताबों से 

वो पाठ क्यूँ ना पढ़ाए मुझे, जो सबक़ वो सिखा गया

किताबें

ठोकरें ज़िंदगी की खाकर सीखें हैं असली सबक़ मैंने 

जितनी भी पढ़ी उम्र भर किताबें बस नाम की थी 

Saturday, June 8, 2024

बेफ़िक्री

सोता हूँ आजकल बहुत बेफ़िक्री से 

खोने को मेरे पास अब बचा ही क्या है

घाटे का सौदा

बड़े घाटे का सौदा निकला इश्क़ “JB”

ना हुआ वो हमारा और हमें भी छीन ले गया हमसे 

आम ख़ास

कितने ख़ास हो तुम मेरे लिए 

समझाते समझाते तुम्हें हम खुद ही आम हो गए

Friday, June 7, 2024

वफ़ादार ख़त

एक अरसे बाद भी ना बदला जिन्होंने मुझसे बात करने का लह्ज़ा

ख़त तेरे सनम सच में बड़े वफ़ादार निकले॥

Thursday, June 6, 2024

मेरे दिल में ही खुद को छोड़ गया है तू

लूट के ग़ैरों को अपनी चालाकियों पर इतराने वाले नादाँ

मेरे दिल में ही खुद को छोड़ गया है तू

तलब

इस नज़ाकत से करूँगा ब्याँ तुझे अपनी ग़ज़लों में 

कि तलब लग जाए पढ़ने वालों को तेरे दीदार की 

Wednesday, June 5, 2024

खुली किताब

इक खुली किताब सा हूँ मैं

मगर ज़्यादा पढ़े लिखे हमसे ज़रा परहेज़ ही रखें 

आधे से ज़्यादा

जिस से भी मिलेंगे अब अधूरे ही मिलेंगे 

हम आधे से ज़्यादा तो तुम्हारे पास रह गये

तेरी क़ैद

सब कुछ छीन के हमसे हमें आज़ाद करने वाले 

पूछ तो ले हमसे, क्या पता हमें तेरी क़ैद ही पसंद हो

Tuesday, June 4, 2024

क्या ख़ाक लिखूँ ऐ इश्क़ तेरे बारे

क्या ख़ाक लिखूँ इश्क़ तेरे बारे

तू किसी को आया हो रास तो तेरी कोई मिसाल भी दूँ