Wednesday, October 30, 2024
बेशुमार होता जा रहा है तू पास मेरे
Saturday, October 19, 2024
तालियाँ
Saturday, October 12, 2024
Rabb e ban jaaye banda
Tuesday, October 8, 2024
ख़्वाहिशें - फ़रमाइशें
Sunday, September 29, 2024
एकांत
Saturday, September 28, 2024
आजकल दोबारा ख़ुद में
Friday, September 27, 2024
किस किस के नज़रिए की
Thursday, September 26, 2024
खाली दिल भरी जैबें
Saturday, September 21, 2024
ਹਿਸਾਬ ਕਿਤਾਬ
Tuesday, September 17, 2024
सभी शायर शहर के
Sunday, September 15, 2024
वक़्त किसी के बाप की जागीर नहीं
Thursday, September 12, 2024
मन की किताब
Tuesday, September 10, 2024
Monday, September 9, 2024
Saturday, September 7, 2024
मसला सुकून का
Thursday, September 5, 2024
ज़िम्मेदारी है मेरी
Saturday, August 31, 2024
समझाया है हमने
भागते रहे उम्र भर पीछे ख़ुशी के
मगर बिना शर्त अपनाया ग़म ने
थक चुके थे समझा कर बार बार उन्हें
फिर आख़िर ख़ुद के ही दिल को समझाया हमने
Friday, August 30, 2024
दोबारा सामने से
एक तेरे दीदार से ही तेज़ हो जाती हैं साँसे
कहीं थम ही ना जाएँ तेरा हाथ थामने से
है यक़ीन तुम्हें भी पहली नज़र के इश्क़ में
या गुज़रूँ मैं
एक बार फिर दोबारा सामने से ?
Thursday, August 22, 2024
घूसख़ोर दिल
Sunday, August 18, 2024
बेहतरीन शायर २
क्या क्या ज़ख़्म दिए हैं तूने
और क्या क्या है एहसान तेरा
बस इक तेरा नाम छुपाना सीख लूँ
तो खुदा क़सम
बेहतरीन शायरों में होगा नाम मेरा
खुदा को यही मंज़ूर था
तू कुछ साथ तो दे
मेरी गवाही तो भर
ना मिले आख़िर
तो कह देंगे हम भी
कि ख़ुदा को यही मंज़ूर था
Friday, August 16, 2024
चोट खाया परिंदा
भूल चुका हूँ उड़ान अपनी
दिल नहीं बचा सिने में मगर ज़िंदा हूँ
हुस्न की डाल पर नहीं बैठता अब मैं
इश्क़ में चोट खाया परिंदा हूँ
Monday, August 12, 2024
खुद से मुलाक़ात
आईने से कर बात कभी
ख़ुद से कर मुलाक़ात कभी
क़िस्मत को कोसते जी रहा है
और मर जाएगा यूँ ही इक दिन रो रोकर
क्यों रह गया है पीछे
क्या कमियाँ है तुझमें
हो खड़ा और
मर्दों की तरह ख़ुद से कर स्वालात कभी
आईने से कर बात कभी
ख़ुद से कर मुलाक़ात कभी
Sunday, August 11, 2024
बचपन को तरसते हैं
बड़ी ही बेसब्री से करते रहे इंतज़ार जिसका बचपन में
पहुँच कर उसी बेरहम जवानी में
अब हम अपने बचपन को तरसते हैं
Saturday, August 10, 2024
बेहतरीन शायर
बेरहमी की सभी हदें कर दी हैं पार
मेरा दिल तोड़ने में उसने
लगता है बेहतरीन शायरों में होगा अब नाम मेरा
Friday, August 9, 2024
गवाही
कैसे करूँ ब्याँ कि कितना ग़ज़ब था अंदाज़-ए-इल्ज़ाम उनका
कि ख़ुद के ही ख़िलाफ़ हँस कर गवाही दे दी हमने
Saturday, August 3, 2024
वही इश्क़ कहानी
रोज़ लिखता हूँ नज़्म नई
मगर वजह बस वही एक पुरानी है
टूट कर चाहा जिसे तोड़ गया ग़रूर वही
अपनी भी यारों तुम्हारे जैसी ही वही इश्क़ कहानी है
Friday, August 2, 2024
तुझे याद नहीं आती मेरी कोई बात नहीं
तुझे याद नहीं आती मेरी
कोई बात नहीं
मुझे भी कहाँ अब मेरा ख़याल आता है
क्यों छोड़ा तूने
छोड़ा किसके लिये
ये सब रह गया इक उम्र पीछे
जब से घेरा है ज़िम्मेदारियों ने
अब ज़हन में कहाँ
ख़ुद के लिए कोई ख़याल आता है
तुझे याद नहीं आती मेरी
कोई बात नहीं
Monday, July 29, 2024
तू पढ़कर खुद ही तय कर ले ऐ सनम
वफ़ा
बेवफ़ाई
ज़िम्मेवारी या तौहमतें
तू पढ़कर खुद ही तय कर ले ऐ सनम
मैं नहीं जानता क्या अर्थ हैं मेरी लिखी कविताओं के
Saturday, July 27, 2024
कच्ची उम्र के कुछ तजुर्बे
कुछ बातों से रहें अनजान तो ही है बेहतर
कच्ची उम्र के कुछ तजुर्बे
ज़िंदगी भर तकलीफ़ देते हैं
Friday, July 26, 2024
क़िस्मत
बड़ी अजब सी रही ज़िंदगी
मैं सजाता हूँ ख़्वाब उम्र भर के
और लोगों को छोड़ कर जाने में पल भर की भी देरी नहीं लगती
दुनिया कहती है अपनी अपनी क़िस्मत होती है सबकी
मुझे तो मेरी ये क़िस्मत भी
सच में अब मेरी नहीं लगती
Tuesday, July 23, 2024
किरदार
ठोकरें भी मिलेंगी
धोखे भी मिलेंगे
लुट जाएगा सब कुछ
और कुछ मौक़े भी मिलेंगे
टूट कर बिखर जाओ चाहे
मगर इरादों में आग मचाए रखना
तमाशे तो चलते ही रहेंगे उम्र भर ऐ दोस्त
बस तुम अपना किरदार बचाए रखना
Thursday, July 18, 2024
Friday, July 12, 2024
खुद ही मुजरिम
खुद ही मुजरिम खुद ही सजा मुक़र्रर करता हूँ
अजब सी कश्मकश है ऐ दोस्त
खुद ही करता हूँ पैरवी अपनी
और खुद के ही ख़िलाफ़ लड़ता हूँ
Thursday, July 11, 2024
कौनसे जहाँ का खुदा है तू …
टेक लिए माथे सब जगह
पहन के देख लिए ताबीज़ सारे
फिर भी नज़रंदाजी तेरी घटती ही नहीं
मेरी समझ से बाहर है
ऐ सनम कौनसे जहाँ का खुदा है तू …
Thursday, July 4, 2024
ज़िम्मेदारी
मैं खुद ही ले लेता हूँ ज़िम्मेवारी सारी
हमारे रिश्ते के हषर की,
तू खुद को बेवज़ह बेक़सूर साबित ना कर
अधूरा तेरे जाने के बाद
तुझे मिलने से पहले भी अकेला ही था मैं,
ना जाने अब क्यूँ हो गया हूँ अधूरा तेरे जाने के बाद
Wednesday, July 3, 2024
Saturday, June 29, 2024
बोलता कम ही हूँ मैं
बोलता कम ही हूँ में
लेकिन याद रखना
बोलूँगा जिस भी महफ़िल में
पूरा माहौल उठा के रख दूँगा
Friday, June 28, 2024
Chinese product है मोहब्बत
हो सकता है ना चले दो दिन भी
और चलने को चल जाए उम्र भर
कोई नहीं Guarantee
अरे भाई Chinese product है मोहब्बत
Wednesday, June 26, 2024
अब वो पैनापन ना रहा
लगता है उन्हें भी उनकी औक़ात दिखा गया है कोई
बेरुख़ी में उनकी अब वो पैनापन ना रहा ।
Tuesday, June 25, 2024
तेरे बस की बात नहीं
चिल्लाता था मैं अक्सर
कि किसी तरह तो तुझे मेरे दर्द का एहसास हो
अब हो गया हूँ ख़ामोश
इल्म हुआ जब से
कि ये तेरे बस की बात नहीं
हर पन्ना कोरा ही रहता
आज लिखता हूँ मैं जो भी,
है एहसान तेरा
ना छोड़ता जो तू साथ मेरा
हर पन्ना कोरा ही रहता
ਖਾਤਾ ਇਸ਼ਕ ਦਾ
100 ਚੋ 99 ਰੁਲਦੇ ਮਿੱਟੀ ਚ
ਕੋਈ ਇੱਕ ਅੱਧਾ ਇ ਲਿਸ਼ਕਦਾ
ਕਿੰਨ੍ਹੇ ਲੁਟੇ ਕਿੰਨ੍ਹੇ ਉੱਜੜੇ ਹਿਸਾਬ ਨੀ ਲੱਗਣਾ
ਕਮਲਿਆ ਖਾਤਾ ਬੜਾ ਪੁਰਾਣਾ ਇਸ਼ਕ ਦਾ
और किसी की ये औक़ात ना थी
हर कमी मेरी से था तू वाक़िफ़
तुझसे पर्दे की कोई बात ना थी
बस एक तू ही तोड़ सकता था मुझे
ऐ सनम …और किसी की ये औक़ात ना थी ।
ਇਹ ਹੋਰ ਕਿਸੇ ਦੇ ਵੱਸ ਦੀ ਗੱਲ ਨਹੀਂ ਸੀ
Saturday, June 22, 2024
वफ़ा की ज़िंदा मिसाल
उम्र भर रहा मैं भागता तुझसे
फिर भी आख़िर गले लगाएगी
ऐ मौत वफ़ा की ज़िंदा मिसाल है तू
Friday, June 21, 2024
इश्क़ करने चले हो बर्खुरदार ?
इश्क़ करने चले हो बर्खुरदार ?
महँगा और बड़ी हैसियत वालों का बाज़ार है
सभी जेबें ज़रा अच्छे से भरकर जाना
उसने तो बस एक दिल तोड़ा था
हम खुद हैं ज़िम्मेवार सब कुछ टूटने के
उसने तो बस एक रिश्ता ही तोड़ा था
लफ़्ज़ों की चोट
लगता है लफ़्ज़ों की चोट से आप नहीं हैं वाक़िफ़ जनाब
ये ज़रूरी नहीं कि हर आग चिराग़ से ही लगी हो